भारत के इस राज्य में है सबसे ज्यादा शिक्षित लोग, नही मिलेगा कोई अनपढ़ Fully Literate State of India

भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य: मिजोरम की ऐतिहासिक उपलब्धि

Fully Literate State – आज का हमारा विषय है पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला पहला राज्य। यह विषय सामाजिक न्याय खंड से जुड़ा हुआ है। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आज के इस टॉपिक पर हम किन बिंदुओं के अंतर्गत चर्चा करेंगे। सबसे पहले जानेंगे कि यह पूरा विषय चर्चा में क्यों है। उसके बाद उल्लास योजना के बारे में जानेंगे। फिर मिजोरम राज्य की सामान्य जानकारी हासिल करेंगे।

मिजोरम क्यों है चर्चा में?

हाल ही में मिजोरम को भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। PLFS Survey 2023-24 के अनुसार मिजोरम की साक्षरता दर 98.20% तक पहुंच गई है, जो कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित 95% की पूर्ण साक्षरता सीमा से अधिक है। यह उपलब्धि राज्य की समावेशी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और राष्ट्रीय व्यस्क शिक्षा पहल उल्लास – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की सफलता को भी प्रमाणित करती है। गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, 24 जून 2024 को पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता का दर्जा प्राप्त करने वाला भारत का पहला केंद्र शासित प्रदेश बना था।

उल्लास योजना: शिक्षा की नई रोशनी

ULAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे 2022 से 2027 तक लागू किया गया है। इसका उद्देश्य है — 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों को सशक्त बनाना जिन्हें उचित स्कूली शिक्षा नहीं मिल पाई। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है और देश भर में 77 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुँचा चुकी है।

उल्लास योजना के पाँच प्रमुख घटक हैं:

  1. मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता
  2. महत्वपूर्ण जीवन कौशल
  3. बुनियादी शिक्षा
  4. व्यावसायिक कौशल
  5. सतत शिक्षा

मिजोरम: इतिहास और भूगोल की झलक

मिजोरम को मूल रूप से असम के लुशाई हिल्स जिले के रूप में जाना जाता था और 1954 में इसका नाम बदलकर मिजो हिल्स कर दिया गया। 1959 के मोतम अकाल के बाद मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) का उदय हुआ, जिसने मिजो लोगों के लिए एक संप्रभु राष्ट्र की मांग की। यह आंदोलन 1966 में सशस्त्र विद्रोह में बदल गया। 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा मिलने के बाद, एमएनएफ के उदारवादियों के साथ समझौते के बाद 1972 में मिजोरम केंद्र शासित प्रदेश बना। इसके बाद 20 फरवरी 1987 को मिजोरम को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ, जब मिजोरम शांति समझौते (1986) को स्वीकार किया गया।

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